जब कभी शाम गहराए तो मुझे याद करना,
चांदनी छत पे जो आये तो मुझे याद करना !
महक रही हो बयार, जागे हों अहसास नए,
सर्द हवा छू के जो जाये तो मुझे याद करना !
मेरी तस्वीर सिरहाने से लेकर तुम निहारोगे,
उसमें जब अपना अक्स आये तो मुझे याद करना!
मेरे खतों को तुम पढना और जरा मुस्कुराना,
जब किसी बात पे दिल आये तो मुझे याद करना!
यूं तो हर लम्हा, हरदम मैं तुम्हारे दिल में रहती हूँ,
फिर भी ग़र याद सताए तो मुझे याद करना !
तुम्हारे लब पे हंसी बनके रहूँ वादा है मेरा,
फिर भी कभी ग़म के हो साए तो मुझे याद करना!
ख्वाब में एक मुलाकात का वादा हो अपना,
फिर भी जब नींद न आये तो मुझे याद करना!
@ख्वाब में एक मुलाकात का वादा हो अपना,
ReplyDeleteफिर भी जब नींद न आये तो मुझे याद करना!
वाह वाह! गहरी संवेदना है आपके लेखन में
बहुत अच्छा लगा पढ़कर ...... ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है.
आपका यह प्यारा सा ब्लॉग हमारे चिटठा संकलक ब्लॉग ललित पर जोड़ दिया गया है.
ललित डॉट कॉम
ब्लॉग4वार्ता
भावपूर्ण रचना . आभार .
ReplyDeleteअंजू जी,
ReplyDeleteनमस्कार,
आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|
RACHNA BHAV SE BHARI HAI AABHAR
ReplyDeleteमेरे खतों को तुम पढना और जरा मुस्कुराना,
ReplyDeleteजब किसी बात पे दिल आये तो मुझे याद करना!
khoobsurat ehsaas....uffff
खूबसूरत दिल को गुदगुदाती ,प्यारी सी गज़ल |अंजू जी बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDelete♥
ReplyDeleteआदरणीया अंजु शर्मा जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
क्या लिखा है आपने !
इस ख़ूबसूरती से प्यार का इज़हार
मेरी तस्वीर सिरहाने से लेकर तुम निहारोगे,
उसमें जब अपना अक्स आये तो मुझे याद करना!
मेरे खतों को तुम पढना और जरा मुस्कुराना,
जब किसी बात पे दिल आये तो मुझे याद करना!
वाह ! वाऽऽह ! व्वाऽऽऽह… !
रफ़ी साहब का गाया एक गीत याद हो आया पढ़ते-पढ़ते अचानक …
कहीं एक मा'सूम नाज़ुक-सी लड़की
बहुत ख़ूबसूरत मगर सांवली-सी
मुझे अपने ख़्वाबों की बाहों में पाकर
कभी नींद में मुस्कुराती तो होगी
एक ख़ूबसूरत रचना के जरिए एक अन्य ख़ूबसूरत रचना याद दिलाने
यानी अदब-ओ-फ़न का दोहरा आनन्द प्रदान करने लिए शुक्रिया !
♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
धन्यवाद आप सबका जो आपने मेरी रचना को पसंद कर इसका मान बढाया.....साभार
ReplyDelete♥
ReplyDeleteआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
अन्जु जी नमस्कार, तुम्हारे लब पर------फिर भी गम सताये------
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